शादी का सुंदर बंधन - Shadi Ka Sundar Bandhan
शादी है प्रेम का मधुर एहसास, दो दिलों का पावन विश्वास। सात फेरे, सात जनम का साथ, हर सुख-दुख में रहे हाथों में हाथ। मंगल गीतों की गूँजे धुन, खुशियों से भर जाए हर गली, आँगन। सम्मान, भरोसा, प्रेम हो गहरा, साथ निभाए हर मौसम में ठहरा। नवजीवन का सुंदर आरंभ, शादी है प्रेम का सच्चा संगम।
तुझे चाहना तो जैसे मेरा गुनाह हो गया
ReplyDeleteक्या करू इश्क मुझे जब बेपनाह हो गया
तुझसे मिला तो लगा जैसे जिंदगी संवर गई
तुझसे जुदाई मिली तो तबाह हो गया
कँहा छुपा रे जाके मेरे ख्वाबों के चाँद
अमावस का अँधेरा खामख्वाह हो गया
हर धड़कन पुकारे, फिर से तू आ रे
तेरे आने की उम्मीद से फिर मै जंवा हो गया
ये दूरियां तेरे और करीब लाती है मुझे
एक बूँद अश्क टपका, फिर अश्को का कारवां हो गया
तेरी बेरुखी ने मुझको दर्द तो बहुत दिया
मगर आजकल ये मर्ज़ की दवा हो गया !
साँसों ने इब्बादत की, सपनों ने शहादत दी
पास आओ या दूर जाओ, "राज" अब हवा हो गया
Nice...
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