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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

तुम खास ही नहीं - Tum Khass Hi Nhi

तुम खास ही नहीं हर सांस में हो
रुबरु नहीं पर  हर एहसास में हो
 मिलोगे पता नही मगर हर तलाश में हो
 तलाश पूरी हो ना हो मगर हर आस में हो!

#Radha Krishan Shayari

Comments

  1. बहुत चुपके से दिया था उसने गुलाब हमे,
    कमबख्त खुशबू ने कोहराम मचा दिया..!

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