खुली कपास को शोलों के पास मत रखना
कोई बचाएगा तुमको यह आस मत रखना
ये कह के टूट गया आसमान से तारा
कि मेरे बाद तुम ख़ुद को उदास मत रखना
लगे जो प्यास तो आँखों के अश्क पी लेना
ये रेगिसतान है, जल की तलाश मत रखना
अगर है डर तो अँगारे समेट लो अपने
हवा को बाँधने की हिम्मत मत रखना
छिलेगा हाथ तुम्हारा ज़रा-सी ग़लती पर
कि घर में काँच का टूटा गिलास मत रखना
#LifeShayari #MotivationalShayari
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