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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

कभी तू फूल बन - Kabhi tu ful ban kar

कभी तू फूल बन कर मुसकुराता है, 
कभी तनहाईयों में सताता है, 
कयों जिंदगी कि मुश्किलें बढाता है, 
ए दिल बता आखिर तू क्या चाहता है, 
महफूज रखा था खयालों में तुझको, 
क्यों बेचैनियाँ बढाता है, 
हंस के छिपा लेती हूँ आखों में दर्द को 
हसरतों के बाजार में क्यों
  सहरा मुझे नजर आता है....
♥️♥️♥️

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