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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

पलकों पे आज

गुड़ नाईट शायरी - नींद दिवस शायरी - Good Night Shayari
पलकों पे आज नींद की किर्चें बिख़र गईं,
शीशे की आँख में कोई पत्थर का ख़्वाब है।

** गुड़ नाईट शायरी - नींद दिवस शायरी - Good Night Shayari

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