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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

किताब क्यू पढ़ती

Dil Ko Padhna Shayari - दिल को पढ़ना शायरी
किताब क्यू पढ़ती हो ,
किताबो मे क्या रखा है
मेरे दिल को पढ़ ,
सारा जमाना छिपा रखा है ...

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