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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

बुरा वक्त - Bura Waqt Shayari

Bura Waqt Hindi Shayari and Life Shayari
परेशां ख़ूब थे सब लोग मेरी बेबसी पर ।
मदद के वास्ते लेकिन कोई नहीं आया ।।
ये वही लोग थे, मैं जिनपे जाँ लुटाता था ।
पड़ा जब वक़्त बुरा, तब समझ कहीं आया ।।

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