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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

हमने जो की - Mohobat Shayari

Mohobat Shayri, Khayal Shayari, Julfo Par Shayari, Deewana Shayari, Sharafat Shayari

हमने जो की थी मोहब्बत वो आज भी है,
तेरे जुल्फों के साये की चाहत आज भी है,
रात कटती है आज भी ख्यालों में तेरे,
दीवानों सी मेरी वो हालत आज भी है,
किसी और के तसब्बुर को उठती नहीं.
बेईमान आँखों में थोड़ी सी शराफत आज भी है। 

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