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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

तेरी नफरत में

Nafrat Shayari, Chahat Shayari, Mohabat Ka Khel Shayari

तेरी नफरत में वो दम नहीं ए-सनम,
जो मेरी चाहत को मिटा दे
ये मोहब्बत है कोई खेल नहीं
जो आज हँस के खेला और
कल रो के भुला दें..।।

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