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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

नजरों को - Intzaar Shayari

नजरों को - Intzaar Shayari

नजरों को तेरे प्यार से इंकार नहीं है,
अब मुझे किसी और का इंतज़ार नहीं है,
खामोश अगर हूँ मैं तो ये वजूद है मेरा
तुम ये न समझना कि तुमसे प्यार नहीं है।

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