मासूमियत शायरी - मासूमियत शब्द पर शायरी - सादगी पर शायरी | Masumiyat Shayari in Hindi
न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर..
तेरे सामने आने से ज़्यादा तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है..
तेरे सामने आने से ज़्यादा तुझे छुपकर देखना अच्छा लगता है..
क्या बयान करें तेरी मासूमियत को शायरी में हम,
तू लाख गुनाह कर ले सजा तुझको नहीं मिलनी।
तू लाख गुनाह कर ले सजा तुझको नहीं मिलनी।
दम तोड़ जाती है हर शिकायत, लबों पे आकर,
जब मासूमियत से वो कहती है, मैंने क्या किया है?
जब मासूमियत से वो कहती है, मैंने क्या किया है?
मासूमियत का कत्ल किस के सिर पर मढें,
हमें ही शौक था समझदार हो जाने का !!
हमें ही शौक था समझदार हो जाने का !!
लिख दूं किताबें तेरी मासूमियत पर फिर डर लगता है,
कहीं हर कोई तेरा तलबगार ना हो जाये।
कहीं हर कोई तेरा तलबगार ना हो जाये।
तेरे चेहरे पे, ये मासूमियत भी खूब जमती है..
क़यामत आ ही जाएगी ज़रा-सा मुस्कुराने से..
क़यामत आ ही जाएगी ज़रा-सा मुस्कुराने से..
मासूमियत तुझमे है पर तू इतना मासूम भी नहीं,
की मैं तेरे कब्जे में हूँ और तुझे मालूम भी नहीं..
की मैं तेरे कब्जे में हूँ और तुझे मालूम भी नहीं..
मासूमियत की कोई उम्र नहीं होती...
वो हर उम्र में आपके साथ रहती है...!!
वो हर उम्र में आपके साथ रहती है...!!
मासूमियत शायरी - मासूमियत शब्द पर शायरी - सादगी पर शायरी | Masumiyat Shayari in Hindi | Maasoom chehre Par Shayari in Hindi
यूं ही अपने अपने सफर में गुम,
ReplyDeleteकहीं दूर मैं कहीं दूर तुम
चले जा रहे थे जुदा जुदा,
मुझे आप किसलिए मिल गए🤟
Hindi shayari ki dairy
LAJABAB
DeleteThis comment has been removed by the author.
Deleteफिकर मत करो जान ,
ReplyDeleteजिस रब ने दिल मिलाया है ,
वो नसीब भी मिला देगा ;
SHAYARI KI DAYARI