Skip to main content

Featured

Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

हे मुरलीधर छलिया

Krishna Bhakti Shayari in Hindi

हे मुरलीधर छलिया मोहन, हम तुमको दिल दे बैठे,
  गम पहले ही क्या कम थे, इक और मुसीबत ले बैठे...
मन कहता है तुम सुन्दर हो, आँखें कहतीं है दिखलाओ,
  तुम मिलते नहीं हो आकर के, हम कैसे कहें ये बैठे...
हे मुरलीधर, छलिया मोहन, हम तुमको दिल दे बैठे,
  गम पहले ही क्या कम थे, इक और मुसीबत ले बैठे...
महिमा सुन कर हैरान हैं हम, तुम मिल जाओ तो चैन मिले,
  मन खोजकर भी तुमको पाता नहीं है, तुम खोकर उसी मन में हो बैठे...
हे मुरलीधर छलिया मोहन, हम तुमको दिल दे बैठे,
  गम पहले ही क्या कम थे, इक और मुसीबत ले बैठे...
कृष्ण तुम्हीं और राम तुम्हीं प्रभु , योगेश्वर तुम्हीं, घनश्याम तुम्हीं,
  धन्य भागी बने हम भी कभी, जो मिल जाओ यमुनातट पे बैठे...
हे मुरलीधर छलिया मोहन, हम तुमको दिल दे बैठे,
  गम पहले ही क्या कम थे, इक और मुसीबत ले बैठे...

Comments

Popular Posts