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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

अपनी गृहस्थी को - Best Family Relations Shayari

Best Family Relations Shayari in Hindi

अपनी गृहस्थी को कुछ इस तरह बचा लिया करो,
  कभी आँखें दिखा दी कभी सर झुका लिया करो ।।

आपसी नाराज़गी को लम्बा चलने ही न दिया करो,
  वो न भी हंसें तो तुम मुस्करा दिया करो ।।

रूठ कर बैठे रहने से घर भला कहाँ चलते हैं,
  कभी उन्होंने गुदगुदा दिया कभी तुम मना लिया करो ।।

खाने पीने पे विवाद कभी होने ही  न दिया करो,
  कभी गरम खा ली कभी बासी से काम चला लिया करो ।।

मीयां हो या बीबी महत्व में कोई भी कम नहीं
  कभी खुद डॉन बन गए तो कभी उन्हें बॉस बना दिया करो

अपनी गृहस्थी को कुछ इस तरह बचा लिया करो...

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