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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

कभी रो लेने दो - Dard-E-Ishq

कभी रो लेने दो  - Dard-E-Ishq Shayari in Hindi
कभी रो लेने दो अपने कंधे पर सिर रखकर मुझे,
की दर्द का बवंडर अब संभाला नही जाता।
कब तक छुपा कर रखें आखों मे इसे,
कि आसुओं का समन्दर अब संभाला नही जाता।

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