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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

दर्द आज भी हैं

दर्द आज भी हैं - Dard Bhari Shayari in Hindi
दर्द आज भी हैं, जख़्म भले ताज़ा नही हैं ।
झाँक कर देख लो सीने में दरवाजा नही हैं ।
मेरी हँसी को अगर तुम हँसी समझते हो,
तो तुझे शायद मेरी हालात का अंदाजा नही हैं। ‪

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