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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

Words from Heart Two Lines Shayari Collection

नाराज़ क्यों होते हो चले जाएंगे तुम्हारी महफ़िल से,
लेकिन पहले मुझे मेरे दिल के टुकड़े तो उठा लेने दो

बिन धागे की सुई सी बन गयी है ये ज़िंदगी,
सीलती कुछ नहीं, बस चुभती चली जा रही है..!!

शहर भर मै आज खामोशी का पहरा है
कहा था मेने मत खोलना खत उनके
हो गये ना सब -बेज़ुबां....

नसीब जिनके ऊंचे और मस्त होते है...!
ज़िन्दगी में इम्तिहान, उन्हीं के सख्त होते है...!

डर लगता है मुझे अब, हर शक्स की हमदर्दी से,
एक शक्स ने दिलासे देकर, मेरी दुनियॉ उजाड़ दी।

जाने वाले ने दिल को पत्थर कर गया,
अब तो किसी को देखकर दिल धडकता ही नही है......!

बस आखरी बार इस तरह मिल जाना,
मुझ को रख लेना या मुझ में रह जाना !

क्या रोग दे गई है ये नए मौसम की बारिश,
मुझे याद आ रहे हैं मुझे भूल जानेवाले।।

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