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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

जो मेरा था - Love Shayari

जो मेरा था - Love Shayari
जो मेरा था वो मेरा हो नहीं पाया,
आँखों में आंसू भरे थे पर मैं रो नहीं पाया,
एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि,
हम मिलेंगे ख़्वाबों में पर मेरी बदकिस्मती तो देखिये,
उस रात तो मैं ख़ुशी के मारे सो भी नहीं पाया।

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