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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

ना डालो बोझ - Dost Shayari

ना डालो बोझ - Dost Shayari
ना डालो बोझ दिलों पर, अक्सर दिल टूट जाते हैं,
सिरे नाज़ुक हैं दोस्ती के, जो अक्सर छूट जाते हैं,
न रखो दोस्ती की बुनियादों में, कोई झूठ का पत्थर,
लहर जब तेज़ आती हैं, तो घरौंदे भी टूट जाते हैं..

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