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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

Ishq, Pyar and Life Shayari in Two Lines

ना मिल पाये हम तो किसे गीला करें,
खुदा ने ही लिखी थी शायद ‘हमारी अधूरी कहानी’

“बख्शे हम भी न गए बख्शे वो भी न जायेंगे,
वक्त जानता है हर चेहरे को बेनकाब करना.”

“कुछ इस तरहा से मिले हम की बात रेह जाए,
बिछड़ भी जाए तो हाथो मे हाथ रेह जाए.”

“गुरुर जब भी हो जाता है अपने आप पे मुझे,
जा कर जलते हुए श्मशान देख आता हूँ.”

“वो वक्त मेरा नही था, इसका मतलब ये नही के वो इश्क नही था.”

“लौट आती है हर बार इबादत मेरी खाली,
ना जाने किस ऊंचाई पे खुदा रहता है.”

“कुछ लोग मुझे अपना कहा करते थे,
सच में वो लोग सिर्फ कहा करते थे.”

“अपनी रोशनी की बुलंदी पर कभी न इतराना,
चिराग सब के बुझते है हवा किसी की नही होती.”

“जेब में रुपये हो तो दुनिया आपकी औकात देखती है,
और जब जेब में रुपये न हो तो दुनिया अपनी औकात दिखाती है.”

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