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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

Garmi Ke Dohe - Summer Hindi Shayari


गर्मी के दोहे ....

रहिमन कूलर राखिये, बिन कूलर सब सून।
कूलर बिना ना किसी को, गर्मी में मिले सुकून।।

एसी जो देखन मैं गया, एसी ना मिलया कोय।
जब घर लौटा आपणे, गर्मी में ऐसी-तैसी होय।।

बिजली का बिल देखकर, दिया कबीरा रोय।
कूलर एसी के फेर में, खाता बचा ना कोय।।

बाट ना देखिए एसी की, चला लीजिए फैन।
चार दिनों की बात है, फिर आगे सब चैन।।

पंखा देखत रात गई, आई ना लेकिन लाईट।
मच्छर गाते रहे कान में, पार्टी आँल नाईट।।

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