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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

बिकता है गम

बिकता है गम हँसी के बाजार में,
लाखों दर्द छिपे होते है एक छोटे से इनकार में,
वो क्या समझ पाऐंगे प्यार की कशिश,
जिन्होने फर्क ही नहीं समझा पसंद और प्यार में..

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