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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

‪‎होठों‬ पे - Ishqiya Shayari

‪‎होठों‬ पे उलफत का नाम होता है,
आखों में छलकता ‪‎जाम‬ होता है,
‪‎तलवारों‬ की जरुरत वहां कैसे हो,
जहां नजरों से ‪‎कतल‬-ऐ-आम होता है।

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