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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

कितनी तकलीफ

होती है कितनी तकलीफ कब्र के नीचे,
ये ऊपर से फूल चड़ाने वाले क्या जाने,
दिल टूटता है तब चलती है कलम,
ये वाह वाह करने वाले क्या जाने..

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