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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

Shayari in Hindi

शायरी नहीं आती मुझे,
बस हाले दिल सुना रही हूँ,
बेवफ़ाई का इलज़ाम है,
मुझपर फिर भी गुनगुना रही हूँ,
क़त्ल करने वाले ने,
कातिल भी हमें ही बना दिया,
खफ़ा नहीं उससे फिर भी मैं बस,
उसका दामन बचा रही हूँ।

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