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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

तेरी गली

कभी गुलाब लगती है,
कभी शबाब लगती है,
तेरी आँखें हमें बहारों का ख्बाब लगती है
मैं पिऐ रहु या न पिऐ रहु,
लड़खड़ाकर ही चलता हुँ
क्योकि तेरी गली कि हवा ही,
मुझे शराब लगती है..
-- Happy Teddy Day

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