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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

ज़माने भर में - Patriotic Shayari

ज़माने भर में मिलते हैं आशिक बहुत...
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता...
नोटों से लिपट कर...सोने में सिमटकर मरे तो हैं बहुत...
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता..

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