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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

Teri Doli Uthi - Sad Shayari in Love

तेरी डोली उठी, मेरी मैय्‍यत उठी;
फूल तुझ पर भी बरसे, फूल मुझ पर भी बरसे;
फर्क सिर्फ इतना सा था, तू सज गई, मुझे सजाया गया;
तू भी घर को चली, मैं भी घर को चला;
फर्क सिर्फ इतना सा था, तू उठ के गई, मुझे उठाया गया;
महफि‍ल वहां भी थी, लोग यहां भी थे;
फर्क सिर्फ इतना सा था, उनका हंसना वहां, इनका रोना यहां;
काजी उधर भी था, मौलवी इधर भी था;
दो बोल तेरे पढ़े, दो बोल मेरे पढ़े;
तेरा "निकाह" पढ़ा, मेरा "जनाजा" पढ़ा;
फर्क सिर्फ इतना सा था, तूझे अपनाया गया, मुझे दफनाया गया !

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