Skip to main content

Featured

Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

Wo Meri Ghar Wali Hai - By MadhuSudan Chaube

घने बालों और मांग में सिन्दूर की लाली है
जी हां, सात जनम तक वो मेरी घरवाली है
उंगली में बिछुए पाँव में पायल पहने हुए
बड़ी बड़ी आंखों में काजल की रखवाली है
हाथ में मेहंदी से रचकर दुनिया भर के सपने
फिर उसने रंगीन चुनरिया सिर पर डाली है
जब भी देखूं मुझे दिखे वो नई नई उजली सी
ये अलग है कि हजारों बार मेरी देखीभाली है
चाँद सा उजला उसका मन मेरा जीवन धन है
मुस्कुरा देती है जब भी कहूँ तू थोड़ी काली है
सहनशील वो धरती सी और नभ सी है गंभीर
प्रीत से वो भरी हुई पर इर्ष्या द्वेष से खाली है
जी हां, सात जनम तक वो मेरी घरवाली है
- सर मधुसूदन चौबे

Comments

Popular Posts