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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

Mai Logo Se - My Hindi Shayari

मैं लोगों से मुलाकातों के लम्हे याद रखता हूँ....
मैं बातें भूल भी जाऊं तो लहजे याद रखता हूँ...
सर-ए-महफ़िल निगाहें मुझ पे जिन लोगों की पड़ती हैं...
निगाहों के हवाले से वो चेहरे याद रखता हूँ...
ज़रा सा हट के चलता हूँ ज़माने की रवायत से...
कि जिन पे बोझ मैं डालू वो कंधे याद रखता हूँ....
दोस्ती जिस से कि उसे निभाऊंगा जी जान से...
मैं दोस्ती के हवाले से रिश्ते याद रखता हूँ....

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