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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

Kabhi Hum Par - Dard Bhari Shayari

कभी हम पर वो जान दिया करते थे
जो हम कहते थे मान लिया करते थे
अब पास से अनजान बनकर गुज़र जाते हैं
जो कभी दूर से ही हमे पहचान लिया करते थे !

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