Skip to main content

Featured

Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

मेरे आँगन मे तेरी महक


मेरे आँगन मे तेरी महक अब भी बाकी है,
मेरी यादों मे तेरी कसक अब भी बाकी है,
तोडने से रिश्ते कभी टुटते नही..
मेरे ख्यालो में तेरी झलक अब भी बाकी है..

अब भी गुँजती है कानो में हँसी तेरी..
अब भी बसी है दिल मे सादगी तेरी..
मिट चुके हैं कदमो के निशाँ लेकिन..
तेरे कदमों कि आहट अब भी बाकी है..

मेरी दहलीज का पत्थर भी तुझे नही भूला..
तेरे इंतजार मे है दरवाजा अब भी खुला..
कैसे कह दूँ कुछ नही बचा हमारे बीच..
तेरे घर से मेर घर तक की सडक अब भी बाकी है..

कसक लगी है दिल की हर धडकन मे तेरी.
कि तेरे लौटने की आस अब भी बाकी है..


Comments

Popular Posts