Skip to main content

Featured

Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

काँच को चाहत थी

काँच को चाहत थी पत्थर पाने की..

एक पल मे फिर बिखर जाने की..

चाहत बस इतनी थी उस दिवाने की..

अपने टुकडो में तस्वीर उसकी सजाने की..

Comments

Popular Posts