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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

फूलो से कह दो



फूलो से कह दो महकना बंद कर दे,
..की उनकी महक की कोई जरूरत नही....
सितारो से कह दो चमकना बंद कर दे,
..की उनकी चमक की कोई जरूरत नही....
भवरो से कह दो अब ना गुनगुनाये,
..की उनकी गुंजन की कोई जरुरत नही....
सागर की लहरे चाहे तो थम जाये,
..की उनकी भी कोई जरुरत नही....
सुरज चाहे तो ना आये बाहर्,
..की उसकी किरणो की भी जरुरत नही....
चाँद चाहे तो ना चमके रात भर,
...की उसके आने की भी जरुरत नही....
वो जो आ गये हैं इस जहाँ में,
..तो दुनिया मे और किसी खूबसूरती की जरुरत ही नही ..

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