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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

आज करीब से




आज करीब से गुज़र कर गई है..

अनदाज-बे-नाम कर गई है..

मईय्यत पर मेरी रुक कर अनजान बन गई है..

पुछती है लोगों से..

ये किस की मईय्यत सजाई गई है..


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