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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

ऐ खुदा



ऐ खुदा आज ये फैसला कर दे,
उसे मेरा या मुझे उसका कर दे..

बहुत दुँख सहे है मैने..
कोई खुशी अब तो मुक्कदर कर दे..

बहुत मुश्कील लगता है उससे दुर रहना..
जुदाई के इस सफर को थोडा कम कर दे..

जितना दुर चले गऐ वो हम से..
उसे उतना करीब कर दे..

नही लिखा अगर नसीब मे उसका नाम,
तो खतम कर ये जिंदगी और मुझे फनाह कर दे...

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