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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

हर तरफ खामोशी

हर तरफ खामोशी का साया है..
जिसे चाहते है हम वो अब पराया है..
गिर पडे है हम महोब्बत कि भुख से...
और लोग कहते है कि पी कर आया है

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