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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

तुझे देखकर याद आया



जब तेरी धुन मे रहा करते थे,
♪♪♪♪♪ हम भी चुप-चाप जिया करते थे ।

आँखो मे प्यास हुआ करती थी,
♪♪♪♪♪ दिल मे तुफान उठा करते थे ।

लोग आते थे गज़ल सुनने को,
♪♪♪♪♪ हम तेरी बात किया करते थे ।

सच समझते थे सब सपनो को,
♪♪♪♪♪ रात दिन घर मे रहा करते थे ।

किसी विराने मे तुझ से मिलकर,
♪♪♪♪♪ दिल मे क्या फुल खिला करते थे ।

घर की दिवार सजाने की खातिर,
♪♪♪♪♪ हम तेरा नाम लिखा करते थे ।


कल तुझे देखकर याद आया,
♪♪♪♪♪कभी हम भी महोब्बत किया करते थे ।


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