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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

यहां लोग - Galti Shayari

Galti Shayari, Khata Shayari, Usul shayari, गलती शायरी, खता शायरी, उसूल शायरी

यहां लोग अपनी गलती नहीं मानते...
किसी को अपना कैसे मानेंगे...!!
अपने उसूल कभी यूँ भी तोड़ने पड़े
खता उसकी थी हाथ मुझे जोड़ने पड़े।

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