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Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

कहीं अंधेरा - Hindi Shayari

कहीं अंधेरा तो कहीं शाम होगी,
मेरी हर खुशी तेरे नाम होगी,
कभी माँग कर तो देख हमसे ऐ दोस्त,
होंठों पर हँसी और हथेली पर जान होगी !!

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