Skip to main content

Featured

Uski Masrufiyat Mera Intzaar

सब उसकी., मसरूफियत में शामिल हैं...!! बस एक ., मुझ  बे-ज़रूरी के सिवा.....!! #Uski Masrufiyat 

वो रुठे इस कदर

वो रुठे इस कदर की मनाया ना गया,

दुर इतने हो गऐ की पास बुलाया ना गया,

दिल तो दिल था समुन्द्र का साहील नही,

लिख दिया नाम तो फिर मिटाया ना गया ।

Comments

Popular Posts